जिंदगी मिली दुबारा!
![चित्र](https://lh3.googleusercontent.com/-GVYxvwtvkMw/XyAedNbY4GI/AAAAAAAAASU/M97afy_5FMUk1OQtzG2fFrz3umpD-ogBACLcBGAsYHQ/s1600/1595940463126042-0.png)
एक समय की बात है एक दिन में और मेरे स्टाफ ऑपरेशन थियेटर से फ़्री हो कर बैठे थे और आगे की तैयारी कर रहे थे मतलब आगे के ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर के कपड़े तेयार कर थे । और गपे लगा रहे थे तभी अचानक नीचे ( रिसेप्शन) से पता चला कि नीचे ( इमरजेंसी में ) मरीज आया है जो कि बहुत गंभीर हालत में है और जिंदगी और मौत के बीच में हो । में और मेरा स्टाफ इमरजेंसी की और भागा और देखा कि मरीज केसा है। मरीज को देख कर लगा कि मरीज को इंटूबेशन ( कृत्म श्वसन ) की जरूरत है। में मरीज के पास गया और मरीज को इंतुबेट किया और उसे सी. पी. आर. दी और मरीज को जिंदा रखा । करीब 1 से 1:30 घंटे की कोशिश के बाद मरीज को सही अवस्था में लाया गया । मरीज की हालत में सुधार देख कर मरीज को एक्स रे डिपार्टमेंट में ऑक्सीजन की उपस्तिथि में भेजा गया । एक्स रे की रिपोर्ट आते ही पता चला की मरीज के दाहिने पैर की हड़ी ( फीमर ) टूटी हुई थी। खून की कमी के कारण मरीज कि सर्जरी रोकी गई और जिस हालत में मरीज था उसमे उसकी सर्जरी मुमकिन नहीं थी। मरीज करीब 2 दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहा और उसके तकरीबन 3 यूनिट खून चड़ने के बाद सर्जरी करन